
Pramud Ghatika 12 Inch

Pramud Ghatika 20 Inch

Pramud Ghatika 16 Inch


इस घड़ी में समय की गणना श्रीमद्भागवत पुराण से की गई है।
यह घड़ी तिथि एवं तारीख के मध्य समय के अंतर को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
यह घड़ी दिन-रात्रि के संपूर्ण समय को एक साथ 24 घंटो में दर्शाती है।
Copyright Disclaimer
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इस घड़ी में पौराणिक समय मापन की इकाइयों प्रहर, मुहूर्त, एवं घटी को दर्शाया गया है।
यह घड़ी ब्राह्म मुहूर्त को प्रदर्शित कर रही हैं।
सूर्योदय के साथ प्रथम घटी पर जो तिथि होती है, वही तिथि पूरे दिन मानी जाती है।
– Account Name –
Pramud Ghatika Pvt. Ltd.
– A/c No. –
0012002100513344
– Bank Name –
Punjab National Bank
– IFSC –
PUNB0001200
– Branch –
Civil Lines, Prayagraj

प्राचीन और आधुनिक घड़ी के संगम से तैयार प्रमुद घटिका
पृथ्वी पर मानव विकास के साथ ही समय की गणना का इतिहास सदियों पुराना है। वर्तमान में हम आधुनिक घड़ी का प्रयोग करते हैं। आधुनिक घड़ी का अविष्कार 1577 को हुआ है, लेकिन उससे पहले भारत मेें समय की गणना के लिए कई विधियां प्रचलित हो गई थी। वह विधियां आज भी
प्रचलित हैं। भारत में ज्योतिष और वैवाहिक या शुभ कार्य के लिए हम उस गणना का प्रयोग करते हैं। उन विधियों की उपयोगिता को देखते हुए आधुनिक घड़ी के साथ भारत की प्राचीन घड़ी को मिलाकर प्रयागराज के पवन जी श्रीवास्तव ने वर्षों की मेहनत और
पौराणिक ग्रंथों के अध्ययन से प्रमुद घटिका तैयार की है। विश्व में पहली बार तैयार इस तरह की घड़ी अब आपके सामने हैं। इसमें आप वर्तमान समय के साथ घटी, मुहूर्त, प्रहर / याम की गणना भी आसानी से कर सकते हैं।
प्राचीन भारत में समय की गणना
प्राचीन भारत में सूर्योदय के साथ ही समय की गणना होती थी। समय की गणना के लिए छोटी इकाई घटी मानी गई थी। उसे दंड और नाडिका भी कहते हैं। एक घटी वर्तमान के 24 मिनट के बराबर होती है। दिन और रात को 60 घटी में विभाजित किया गया है। सूर्याेदय के साथ ही शुरुआत के 24 मिनट तक एक घटी और उसके बाद अगली घटी होती है। दो घटी मिलाकर एक मुहूर्त बनता है। एक मुहूर्त 48 मिनट का होता है। दिन-रात मिलाकर कुल 30 मुहूर्त हैं। सूर्योदय के साथ ही पहला शिव मुहूर्त होता है और अंतिम मुहूर्त मरुत है। इसके बाद 180 मिनट यानी तीन घंटे का प्रहर या याम होता है। सूर्योदय के साथ ही पहला प्रहर पूर्वाह्न काल होता है। कुल आठ प्रहर होते हैं। आखिरी प्रहर ऊषा काल होता है। उसी में सूर्योदय से 1.36 घंटा पहले ब्राह्मा मुहूर्त शुरू होता है। ब्राह्मा मुहूर्त 96 मिनट का होता है।
कैसे देखे प्रमुद घटिका
- घड़ी के सबसे बाहरी छोर पर एक से 60 तक घटी/ दंड/ नाडिका अंकित है। सूर्योदय के साथ ही पहली घटी की गणना होती है। प्रमुद घटिका में समय की गणना सुबह छह बजे से मानी गई है।
- घटी के बाद मुहुर्त का समय निर्धारण किया गया है। 48-48 मिनट के कुल 30 मुहूर्त होते हैं। पहला शिव मुहूर्त का है। उसके बाद सर्प, मित्र, पितृ, वसु, जल, विश्वदेव, अभिजित, विधि, इंद्र, इंद्राग्नि, राक्षस, वरूण, अर्यमा, भग, रुद्र, अजपाद, अहिर्बुध्न्य, पूषा, अश्विनी, यम, अग्नि, ब्रह्मा, चंद्र, अदिति, गुरु, विष्णु, सूर्य, त्वष्ट्रा और मरुत है। इन सभी मुहूर्त का व्यक्ति के जीवन में बड़ा महत्व है। इन मुहूर्त में जन्म, विवाह, गृह प्रवेश व अन्य मांगलिक कार्य के अगल- अलग परिणाम होते हैं।
- इसके बाद घड़ी में प्रहर या याम को दर्शाया गया है। पहला प्रहर सुबह छह से नौ बजे तक पूर्वाह्न काल होता है। प्रत्येक प्रहर तीन घंटे का होता है। दूसरा प्रहर नौ से 12 बजे तक मध्याह्न काल है। तीसरा अपराह्न काल 12 से तीन बजे तक, चौथा सायं काल तीन से छह बजे तक, पाचवां रजनी व प्रदोष काल छह से नौ बजे तक, छठवां निशीथ काल नौ से 12 रात तक, सातवां त्रियामा काल रात 12 से तीन बजे तक और आठवां ऊषा काल रात तीन से सुबह छह बजे तक होता है। इसी ऊषा काल में सूर्योदय से 96 मिनट पहले ब्राह्मा मुहूर्त शुरू हो जाता है।
- बीच में आधुनिक घड़ी के मिनट और घंटे का अंकन किया गया है।
प्राचीन भारत में सूर्योदय के साथ ही समय की गणना होती थी। समय की गणना के लिए छोटी इकाई घटी मानी गई थी। उसे दंड और नाडिका भी कहते हैं। एक घटी वर्तमान के 24 मिनट के बराबर होती है। दिन और रात को 60 घटी में विभाजित किया गया है। सूर्याेदय के साथ ही शुरुआत के 24 मिनट तक एक घटी और उसके बाद अगली घटी होती है। दो घटी मिलाकर एक मुहूर्त बनता है। एक मुहूर्त 48 मिनट का होता है। दिन-रात मिलाकर कुल 30 मुहूर्त हैं। सूर्योदय के साथ ही पहला शिव मुहूर्त होता है और अंतिम मुहूर्त मरुत है। इसके बाद 180 मिनट यानी तीन घंटे का प्रहर या याम होता है। सूर्योदय के साथ ही पहला प्रहर पूर्वाह्न काल होता है। कुल आठ प्रहर होते हैं। आखिरी प्रहर ऊषा काल होता है। उसी में सूर्योदय से 1.36 घंटा पहले ब्राह्मा मुहूर्त शुरू होता है। ब्राह्मा मुहूर्त 96 मिनट का होता है।








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